Our website uses necessary cookies to enable basic functions and optional cookies to help us to enhance your user experience. Learn more about our cookie policy by clicking "Learn More".
Accept All Only Necessary Cookies
Icona सिंहासन बत्तीसी कथा संग्रह

9.2 by Suren Tech Lab


Feb 23, 2019

Informazioni su सिंहासन बत्तीसी कथा संग्रह

Throne è una raccolta di trentadue storie che sono diventate popolari come il feroce Panchavishati.

सिंहासन बत्तीसी 32 कथाओं का संग्रह है जो बेताल पंचविशाति की भांति लोकप्रिय हुआ। ये कथाएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि कई संकलनकर्त्ताओं ने इन्हें अपनी-अपनी तरह से प्रस्तुत किया है। आशा है यह एप्प आपको पसंद आएगा

सिंहासन बत्तीसी (Sinhasan Battisi)

महाराजा विक्रमादित्य भारतीय लोककथाओं के एक बहुत ही चर्चित पात्र रहे हैं। प्राचीनकाल से ही उनके गुणों पर प्रकाश डालने वाली कथाओं की बहुत ही समृद्ध परम्परा रही है। सिंहासन बत्तीसी भी ३२ कथाओं का संग्रह है। इन कथाओं की भूमिका भी कथा ही है जो राजा भोज की कथा कहती है। ३२ कथाएँ ३२ पुतलियों के मुख से कही गई हैं जो एक सिंहासन में लगी हुई हैं। यह सिंहासन राजा भोज को विचित्र परिस्थिति में प्राप्त होता है। एक दिन राजा भोज को मालूम होता है कि एक साधारण-सा चरवाहा अपनी न्यायप्रियता के लिए विख्यात है, जबकि वह बिल्कुल अनपढ़ है तथा पुश्तैनी रुप से उनके ही राज्य के कुम्हारों की गायें, भैंसे तथा बकरियाँ चराता है। जब राजा भोज ने तहक़ीक़ात कराई तो पता चला कि वह चरवाहा सारे फ़ैसले एक टीले पर चढ़कर करता है। राजा भोज की जिज्ञासा बढ़ी और उन्होंने खुद भेष बदलकर उस चरवाहे को एक जटिल मामले में फैसला करते देखा। उसके फैसले और आत्मविश्वास से भोज इतना अधिक प्रभावित हुए कि उन्होंने उससे उसकी इस अद्वितीय क्षमता के बारे में जानना चाहा। जब चरवाहे ने जिसका नाम चन्द्रभान था बताया कि उसमें यह शक्ति टीले पर बैठने के बाद स्वत: चली आती है, भोज ने सोचविचार कर टीले को खुदवाकर देखने का फैसला किया। जब खुदाई सम्पन्न हुई तो एक राजसिंहासन मिट्टी में दबा दिखा। यह सिंहासन कारीगरी का अभूतपूर्व रुप प्रस्तुत करता था। इसमें बत्तीस पुतलियाँ लगी थीं तथा कीमती रत्न जड़े हुए थे। जब धूल-मिट्टी की सफ़ाई हुई तो सिंहासन की सुन्दरता देखते बनती थी। उसे उठाकर महल लाया गया तथा शुभ मुहूर्त में राजा का बैठना निश्चित किया गया। ज्योंहि राजा ने बैठने का प्रयास किया सारी पुतलियाँ राजा का उपहास करने लगीं। खिलखिलाने का कारण पूछने पर सारी पुतलियाँ एक-एक कर विक्रमादित्य की कहानी सुनाने लगीं तथा बोली कि इस सिंहासन जो कि राजा विक्रमादित्य का है, पर बैठने वाला उसकी तरह योग्य, पराक्रमी, दानवीर तथा विवेकशील होना चाहिए। संकलनों में कथाओं में कथाओं के क्रम में तथा नामों में और उनके क्रम में भिन्नता पाई जाती है। एक संकलन में नामों का क्रम इस प्रकार है-

1 रत्नमंजरी

2 चित्रलेखा

3 चन्द्रकला

4 कामकंदला

5 लीलावती

6 रविभामा

7 कौमुदी

8 पुष्पवती

9 मधुमालती

10 प्रभावती

11 त्रिलोचना

12 पद्मावती

13 कीर्तिमती

14 सुनयना

15 सुन्दरवती

16 सत्यवती

17 विद्यावती

18 तारावती

19 रुपरेखा

20 ज्ञानवती

21 चन्द्रज्योति

22 अनुरोधवती

23 धर्मवती

24 करुणावती

25 त्रिनेत्री

26 मृगनयनी

27 मलयवती

28 वैदेही

29 मानवती

30 जयलक्ष्मी

31 कौशल्या

32 रानी रुपवती

Free Educational Apps for nation

By

Surendra Tetarwal

Suren ICT Tech Lab

Sikar (Raj) India

Novità nell'ultima versione 9.2

Last updated on Feb 23, 2019

Minor bug fixes and improvements. Install or update to the newest version to check it out!

Traduzione in caricamento...

Informazioni APP aggiuntive

Ultima versione

Richiedi aggiornamento सिंहासन बत्तीसी कथा संग्रह 9.2

È necessario Android

4.0.3 and up

Available on

Ottieni सिंहासन बत्तीसी कथा संग्रह su Google Play

Mostra Altro

सिंहासन बत्तीसी कथा संग्रह Screenshot

Commento Loading...
Iscriviti ad APKPure
Sii il primo ad accedere alla versione anticipata, alle notizie e alle guide dei migliori giochi e app Android.
No grazie
Iscrizione
Abbonato con successo!
Ora sei iscritto ad APKPure.
Iscriviti ad APKPure
Sii il primo ad accedere alla versione anticipata, alle notizie e alle guide dei migliori giochi e app Android.
No grazie
Iscrizione
Successo!
Ora sei iscritto alla nostra newsletter.